भोपाल। 1984 में कांग्रेस के दामन पर दो दाग लगे थे जो 35 साल बाद भी फीके नहीं पड़े। एक पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की हत्या के बाद के सिख दंगे जिसमें सैकड़ों बेकसूर लोग मारे गए थे। दूसरा 3 दिसबंर 1984 का गैस कांड जिसमें सैकड़ों लोग काल के गाल में समा गए थे । यह दोनों ही घटनाएं लोगों के ज़हन में आज भी जिंदा है। 1984 का ही वो साल था जिसने कांग्रेस को कलंकित किया है। इन दोनों घटनाओं पर कटाक्ष करते हुए भाजपा नेता व प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में लिखा है कि "कांग्रेस के दामन को काला करता 1984 श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों का नरसंहार किया गया था।उसी साल एक वीभत्स हादसा भोपाल में हुआ था।वहां कमल के इशारे पर सिख मारे गए,यहां भोपाल गैस कांड के बाद अर्जुन ने कानून के चक्रव्यूह में फंसे वारेन एंडरसन को सकुशल निकाल लिया था। " भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपी एंडरसन को तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने यहां से भगाया था। जिसकी वजह से गैस पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया। वे आज भी ख़ौफ़ के साये में जीने को मजबूर हैं। 35 साल बाद भी न तो उन्हें पीने का स्वच्छ पानी मिल रहा है और न ही बेहतर इलाज। रोजगार का आभाव है,बच्चों की शिक्षा भी ठीक से नहीं हो पाई। 3 दिसंबर उस काली रात ने सिर्फ लोगों के घर नहीं उजाड़े बल्कि आने वाली नस्ल को भी तबाह कर दिया । कांग्रेेेस अपने दामन पर लगे दाग को छुड़ाने की कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस की सभी कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। चाहे बात सिख दंगों की हो या भोपाल गैस कांड की। दोनों ने कांग्रेस के दामन को छलनी किया है।
1984 में कांग्रेस के दामन पर लगे थे भोपाल गैसकांड और सिख दंगों के दाग:दुर्गेश केसवानी