- संभागीय संगठन मंत्री और प्रदेश संगठन महामंत्री के खिलाफ एकजुट हुए कार्यकर्ता
-मखीजानी और सुहास भगत को हटाए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा पत्र।
हृदेश धारवार/9755990990
भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बीजेपी के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। ग्वालियर के पार्टी पदाधिकारियों ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष कमल मखीजानी का विरोध किया है। पार्टी पदाधिकारियों द्वारा लिखे गए पत्र में बीजेपी के संभागीय संगठन मंत्री आशुतोष तिवारी और बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। बताया जाता है कि कमल मखीजानी को जिला अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी के पदाधिकारी नाराज। जिले मे बैठक आयोजित कर राष्ट्र अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर जिला अध्यक्ष मखीजानी और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत को हटाए जाने की मांग की है।
यह लिखा पत्र में...
"ग्वालियर जिला मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला है ,यह प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई एवं कैलाश वासी श्रद्धा राजमाता श्री विजय राजे सिंधिया जिगर गृह नगर है। यहां पर संगठन एवं सत्ता के निर्णय अभी तक वरिष्ठ नेताओं की रायशुमारी से होते रहे हैं। ग्वालियर का मध्य प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान है ।लेकिन पिछले तीन-चार वर्षो में ऐसा देखा जा रहा है कि यहां पर आने वाले संभागीय संगठन मंत्री एवं प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन मंत्री अतुल राय जब से आए हैं तभी से मध्य प्रदेश का संगठन कमजोर होता गया है। दोनों की हठधर्मिता के कारण मध्य प्रदेश में सरकार नहीं बन पाई थी। चुनाव के बाद टिकट बेचने के आरोप प्रत्यारोप में फंसे सुहास भगत के खास सिपहसालार अतुल राय को हटाया गया। लेकिन सुहास भगत को उस समय नहीं हटाया गया । आज वही सुहास भगत संगठन में इतना ज्यादा हस्तक्षेप कर रहे हैंं कि मंडलों के चयन भी ठीक प्रकार से नहीं हो पाए। ग्वालियर में तीन नए मंडल बने थे एवं मंडल अध्यक्षों की उम्र सीमा 40 वर्ष निर्धारित की गई थी। ऐसा सुहास भगत ने स्वयं कैंसर पहाड़ी पर संभागीय बैठक में बोला था। लेकिन अभी मंडल अध्यक्ष बिना रायशुमारी के 40 से 45 वर्ष की उम्र के बनाए गए हैं । आज फिर जिला अध्यक्ष के मनोनयन में सुहास भगत ने अपनी तानाशाही एवं वर्तमान सांसद विवेक शेजवलकर से अपना रिश्ता निभाते हुए जिले की कमान सौंपी है। जिससे पूरे शहर में वातावरण दूषित हुआ है। इस घोषणा में उनके रिश्तेदार ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर जी की अहम भूमिका रही है ।जबकि ग्वालियर के जिला अध्यक्ष के लिए तीन नामों का जो पैनल वरिष्ठ नेतृत्व से चर्चा करके भेजा गया था ,उसे दरकिनार किया गया है। जिससे आज पूरे ग्वालियर में वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता आक्रोशित हैं । यह महामंत्री पहले भी विवादास्पद रहे हैं । इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी मीडिया में बयान दर्ज कराया था घोषणा के पहले दिन ग्वालियर पुलिस के टीआई को अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया। जब टीआई ने मना किया तो उसे गाली दी गई । जो की प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई। जिसकी ऑडियो क्लिपिंग भी मौजूद है । लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पूरे ग्वालियर के समाचार पत्रों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भाजपा की किरकिरी हो गई थी। यह महामंत्री कह चुका था कि उसके पश्चात भी सुहास भगत ने अपनी हठधर्मिता के कारण दूसरे दिन बिना किसी से पूछे जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया। आज ग्वालियर में सभी नेता एवं कार्यकर्ता अचंभित हैं। सुहास भगत एवं प्रदेश अध्यक्ष किसी का फोन नहीं उठा रहे हैं। ग्वालियर में 2 सीटों पर उपचुनाव होना है। आज उपचुनाव की भी चिंता उन्होंने नहीं की । यह प्रदेश संगठन मंत्री जब भी ग्वालियर आते हैं तो किसी बड़े होटल में रुकने की मांग करते हैं । लेकिन किसी भी ग्वालियर के नेता से या जिले के या मंडल के पदाधिकारियों से मिलना उचित नहीं समझते । भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं इसलिए आपको ही अवगत कराना आवश्यक है कि अब ग्वालियर जिले में अध्यक्ष को नहीं हटाया जाता है और सुहास भगत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई तो ग्वालियर शहर के सभी वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता आगामी कार्यवाही के लिए स्वतंत्र रहेंगे ।" ग्वालियर बीजेपी पदाधिकारी के द्वारा लिखे गए इस पत्र के बाद पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है ।